एग्जीबिशन ‘देवी 9.0’ में दिखे मां दुर्गा के नौ शक्तिशाली स्वरूप
जयपुर, 19 अक्टूबर। स्टूडियो सृजन और वसुधा जन विकास संस्थान एनजीओ के संयुक्त तत्वावधान में नवरात्रि के खास अवसर पर विशेष पेंटिंग एग्जीबिशन ‘देवी 9.0’ लगाई गई है। इसमें शहर की जानी—मानी नौ महिला कलाकारों ने अपनी पेंटिंग्स के जरिए माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों को साकार किया है। यह एग्जीबिशन दशहरे तक चलेगी। एग्जीबिशन के उद्घाटन की मुख्य अतिथि डॉ. अल्का गौड़ और फॉर्टी वुमेन विंग की सचिव ललिता कुच्छल रहीं।
सृजन स्टूडियो की डायरेक्टर ज्योत्सना शुक्ला ने बताया कि देवी 9.0 नवरात्रि विशेष प्रदर्शनी है। 9.0 का मतलब है कि देवी की शक्तियां नौ गुना अधिक रूप में होगी। लोगों के समक्ष भगवान के सभी रूपों को रखने में कलाकारों का ही हाथ रहा है। चाहे वह माध्यम मूर्ति का हो, या पेंटिंग का।
एग्जीबिशन में आर्टिस्ट नीलू कावरिया, ज्योत्सना शुक्ला, मानसी शर्मा, शिल्पा पराते, हर्षा तीर्थानी, मुस्कान चौधरी, मीना जैन, रीति कुम्भज और अभिलाषा हवर द्वारा एक्रलिक माध्यम में बनाई गई पेंटिंग्स प्रदर्शित की जा रही है। इन कलाकारों ने चित्रों के जरिए ही हर भगवान के रूप बनाए हैं, जिससे कलाप्रेमियों को भगवान के विविध स्वरूपों को जानने में मदद मिली। आज सभी महिला आर्टिस्ट्स ने माँ को वर्तमान संदर्भ में दिखाते हुए यह संदेश दिया है है कि जब आप पर विपदा आए तो अपना रूप बदलने में बिल्कुल भी देरी ना करें। वसुधा जन विकास संस्थान की निदेशक मोना शर्मा में बताया की देवी 9.0 प्रदर्शनी कला व शक्तियों का एक समागम है जो आज के दौर की जरूरत भी है। एग्जीबिशन में माँ काली, ब्रह्मचारिणी, अर्धनारीश्वर व दुर्गा की विभिन्न पेंटिंग्स के जरिए संदेश दिया गया है कि आप कमजोर नहीं है, देवी सबको शक्ति देती है और आप उस शक्ति को पहचानें और शक्तिशाली बने।
ज्योत्सना शुक्ला ने अपनी पेंटिंग के बारे में बताया कि मैंने अपनी पेंटिंग के जरिए आदिशक्ति मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों को दर्शाने का प्रयास किया है। मिक्स मीडिया में बनाई इस पेंटिंग में ब्लैक एंड व्हाइट के साथ-साथ कुछ रंगों तथा टेक्सचर का भी प्रयोग किया गया है। मां दुर्गा हर संकट को हरने वाली है।
रीति कुम्भज ने बताया कि कुष्मांडा देवी की एक मुस्कुराहट से संसार का अंधकार रोशनी में तब्दील हो गया। उन्होंने बताया कि पेंटिंग के जरिए यह संदेश दिया गया है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत के लिए रौद्र रूप धारण करने की आवश्यकता नहीं होती है।