विधानसभा चुनावों के लिए राजस्थान में पहली सूची जारी करने में आखिर क्यों देर कर रही है, जबकि राजस्थान में अपनी ही सरकार है। अगले महीने पांच राज्यों में चुनाव हैं. कांग्रेस मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम इन सभी राज्यों में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है, जबकि राजस्थान के उम्मीदवारों को इंतजार करना पड़ रहा है।
कल सुबह दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई. उम्मीद थी देर रात तक ही सही पहली सूची जारी कर दी जाएगी. बताया जा रहा है 100 से ज़्यादा नामों पर सहमती भी बन चुकी है।
दिल्ली में हुई बैठक में जाने से पहले सीएम अशोक गहलोत ने मंत्री और विधायकों के टिकट को लेकर पैरवी करते हुए मीडिया के सामने कहा था कि जिन विधायकों ने कांग्रेस की सरकार बचाई थी, उनका टिकट नहीं कटना चाहिए, उन्हें दोबारा मौका देना चाहिए। साथ ही उन निर्दलीय विधायकों का नाम भी लिस्ट में शामिल करना चाहते हैं, जिन्होंने ऑपरेशन लोटस को नाकाम करने में उनका साथ दिया था।
क्या अशोक गहलोत ने उम्मीदवारों की लिस्ट रोक रखी है या दो गुटों में बंटे राजस्थान कांग्रेस में बड़ा हिस्सा अपने पास रखने की भी खींचा तानी के चलते सूची अटकी।
कयास ये भी लगाए जा रहे है कि 20 अक्टूबर को दौसा के सिकराय में प्रियंका गांधी की सभा के बाद उम्मीदवारों के टिकटों की घोषणा हो सकती हैं।
आपको बता दे कि दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राजस्थान के दावेदारो के नाम की पहली लिस्ट का फैसला हो चुका है, लेकिन राहुल गांधी ने कुछ नामों पर फिर से विचार विमर्श करने के लिए कहा है।
वही प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस दावेदारों की पहली सूची एक दो दिन में जारी कर दी जाएगी। जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि स्क्रीनिंग कमेटी ने करीब 100 सीटों की सिंगल नामों का पैनल केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष रखा है। वही बैठक के बाद 100 नहीं करीब 106 कांग्रेस दावेदारों की पहली सूची जारी होनी थी, लेकिन चुनाव समिति की बैठक में केंद्रीय नेतृत्व ने कुछ सीटो पर आपत्ति जताई है, जिसके चलते यह सूची मझधार में ही अटक के रह गई।